मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥ ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। A single mala Jaap equals 108 recitations of the mantra. You must chant https://webdirectoryone.com/listings13216351/not-known-details-about-hanuman-mantra